"तू है रब मेरा रब जानता है, तू है सब मेरा सब जानता है II"
"तुम वो एहसास हो... तमाम एहसासों में खास हो।"
"तुम इकलौती सुकून हो, मेरी शोर सी ज़िंदगी में II"
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"आओ कभी बैठो किसी इतवार को, मैं वैसा नहीं, जैसा मिलता हूँ सोमवार को II"
"प्यार कैसा भी हो, सच्चा होना बहुत ज़रूरी है I"
"तू शब्द नहीं कहानी हो मेरी II"
"इस रिश्ते में तलाक नहीं होती, शायद इसीलिए इसे सिर्फ मुहब्बत नहीं इबादत भी कहते है I"
"कल उसके ज़िंदगी का रंग था, आज दाग हूँ II"
"जो खुद से प्यार करते हैं उनका दिल नहीं टूटता II"
"प्यार मिलना बहुत आसान है, उसे निभाना बहुत मुश्किल II"
"तेरा साथ मुझे पूरा करता है II"
"तुम आदत नहीं तलब हो मेरी II"
"उसकी मुहब्बत का कर्ज मैं हर दिन चूका रहा हूँ, कुछ इस तरह मैं अपने दिन गुजार रहा हूँ II"
"तुम मिल गए, लगता है अब ख़ुशी की तलाश ख़त्म हो गयी II"
"जो मेरे लिए दुआ मांगता था, वही मुझे अकेला कर गया II"
"उसका तो पता नहीं लेकिन मेरा दिल तरसता है उससे बात करने के लिए।"
"सोचूं तो ज़िंदगी हो तुम, पर पता है, किसी और के हो तुम।"
"मैं उसके साथ अमीर बनना चाहता हूँ, उसके बगैर नहीं।"
"पता नहीं कितना पर, इश्क़ उसे भी है।"
"मैं मंजिल बनाना चाहता हूँ, किसी की जरूरत नहीं।"
"खुली आँखों से देखा वही ख्वाब हो तुम, दिल में जो उतर जाय वही बात हो तुम, तेरे नाम का नशा कुछ ऐसा मुझ पे छा गया, ये ज़िंदगी तुझ पे ही लूटा गया।"
"ज़िंदगी में बस इश्क़ ही एक तरफा होता है।"
"हर सच बता दिया करो, किसी से इश्क़ है बता दिया करो।"
"दुनिया का सबसे सरल इबादत मोहब्बत है।"
"अगर ठीक समझो तो इतना बता दो, दिल बेचैन हो रहा है, कहीं तुम उदास तो नहीं हो।"
तूने एक घर बसाया है मेरे बिना, लगता है वो घर तुझे भा नहीं रहा मेरे बिना।
काश मेरे घर के एक कमरे में एक तस्वीर मै हम तुम होते और ज़िन्दगी का एक नगमा लिख रहे होते।
प्रेम के मायने में ये भ्रम कैसा, तुम मेरे हो तो इसमे शक कैसा?
काश ज़िन्दगी तुझ बिन अधूरी लगती और राते पूरी मैं अक्सर तेरे सपनो मै घूमता रहता।
ये लब ही हैं जो तेरा नाम अभी भी नहीं भुलते, वरना जुबान ने तो कब का तुझे भुला दिया था।
सोच रहा था एक चाँद तेरे बिना, पर उसमे भी दाग निकला।
लाख कोशिश कर लूं पर तेरे बिना दिल ये मानने को राज़ी नहीं।
क्या है तेरे बगैर इस जीवन का मायना, तुझको चाहे तो जीवन पूरा और न चाहें तो अधूरा।
सिर्फ़ तुम हो जो मेरे मन के अंदर घुस के बैठे हो, वरना मैं तो खामोश हि था भीड में भी।
लगता है अब सब कुछ अलग है हमारे बीच, कुछ नया सा और कुछ पुराना सा है हमारे बीच।
तुझसे मेरी यादें अब जुड़ चुकी हैं, अब तेरे बिन अब मेरा मन कहिं नहीं लगता।
सोचता था तुझको जन्नत की सैर कराऊंगा, पर साथ तो जमीं तक का भी नहीं रहा।
शोर है फिज़ाओं में या कहीं, और ये दिल है के तेरे बिना बहका रहता है।
मन के आगे सब कुछ अधूरा सा लगता है और मन मेरा तेरे बगैर कहिं और जाने को राज़ी नहीं।
ज़िंदगी में तेरे सिवा एक ख्वाहिश को बना रखा था जो तुझसे ही जुड़ी थी, अब वो भी अधूरी सी लगती है।
बहका ये शमा है और बहकी है शामे, तू जो संग हो तो ठहरी लगे हैं शामे।
नाराज़ करने का इरादा है क्या, तू तो पहले ही मुझे अकेला छोड़ गई है।
कब के बिछड़े तेरे ख्याल है, अभी तक ज़हन में कैद हैं, आओ इन्हे निकाल के जाओ।
तेरा जूनून इस कदर है कि तेरे सिवा कुछ और अब नहीं दिखता।
काश मैं तेरे ख्यालों में बसता और मेरे सिवा तुझे कोई न दिखता।
जोकर है ये दुनिया जो हुस्न की दीवानी है, आशिक बनना है तो हुनर का बनो।
मैं बहक न जाऊं तेरे हुस्न में कहीं, तू मुझसे मिलने पर्दा करके आया कर।
तेरे संग इश्क का मज़ा ही कुछ और है, तू मेरी है और तेरा होने का नशा ही कुछ और है।
लगता है मुझे बुरा तेरे बिना, तू इश्क है मेरा और तू है मेरी दिलरूबा।
कहीं दूर तेरे संग यादो का एक महल बनाएंगे और फ़िर लिपट के तुझसे तेरे होजाएंगे।
ये पहले-पहले प्यार की बात है, अभी थोड़ा वक्त लगेगा समझने में।
तेरे रंग से इस जग में उमंग है।
मेरे प्यार के सहारे ये मेरी ज़िन्दगी चल रही है, तुझमे रहकर मेरी सदा कह रही है।
क्यों है मुझे तुझसे इतना प्यार, जब तुझे मैं पसंद ही नहीं।
अफ़साना लिखते-लिखते तेरी याद आ गयी पर एक तू न आई।
जीने का मकसद अच्छा क्यों कि हमारा प्यार सच्चा है।
अच्छाई तुझमे है और अच्छे हम बन जाते हैं, और बुराई मुझमे है और बुरे तुम बनजाते हो।
ये दुनिया मुझे बिगड़ा कहती है, बस तुझसे प्रेम कि आस है।
तेरे प्यार के खातिर ये दुनिया मुझे भूल भी जाए तो कोई गम नहीं, ये कुर्बानी भीकुबूल है मुझे।
तू जब भी याद आए, तो तेरा मुस्कुराता हुआ चेहरा याद आए, इतनी सी कोशिश आस है मेरी।
खंजर सी चुभती है तुम्हारी यादें, कैसे काटूं मैं ये रातें।
कैसे ना सोचू तुम्हारे बारे में, बस यही सोचते मेरे दिन गुज़रते है।
एक ख्याल आया, तुम्हारा ख्याल आने के बाद। बेबस रहा इस कदर के वो ख्याल भी तुम्हारा ही था।
तुम्हारी तस्वीर को बार बार Kiss करता हूँ, वापस लौट के आओ तुम्हें मैं बहुत Miss करता हूँ।
तुम्हारे जाने के बाद ही मुझे किसी को याद करने का असली मतलब समझ आया।
खुदा कसम जितना तुमसे प्यार था, आज उससे कहीं ज्यादा याद करता हूँ।
सोचते सोचते कभी कभी सोचता हूँ, क्या तुम भी मेरे बारे में उतना ही सोचती होगी।
ख्याल आया तुम से दूर जाने का, फिर याद आया तुम तो मुझ में ही बस्ती हो, खुद से दूर कैसे जाऊं।
तुम अपनी यादों को भी अपने साथ ले जाओ, आजकल हर जगह चली आती है।
कभी अकेले में मिलना, कुछ बातें थी जो आपको बतानी थी। क्योंकि सबके सामने मैं इश्क़ की इंतहाई करता नहीं हूँ।
अगर जज्बातों को अल्फाजों में बया ना करते, तो कब का राख हो गए होते, दिल के साथ साथ रूह में भी सुराख़ हो गए होते।
हम अपने हिस्से का रो के पत्थर हो चुके है, अब बारी आपकी है पत्थर बनने की।
जब तक मेरी रानी मेरे साथ है, ज़िंदगी का जंग क्या है, मैं दुनिया जीत सकता हूँ।
तेरे इश्क़ में तो दुनिया जीत लू, तू अगर एक बार मांग के देख ले अगर।
जब तक तुम सांस ले रही हो, तब तक मैं ज़िंदा हूँ।
हसरत ये नहीं कि तुम्हें स्वप्निल सुधा सा मांगू, चाहत इतनी सी है कि मैं चाहूं तुम्ही सा।
नज़र भर देख लूं तुझको तो शामे हसीन हो जाती हैं, डर है के तेरे साथ जीवन गुज़ारा तो कहिं मैं अमर न हो जाउं।
ज़हन में कैद तेरी तस्वीर रखी है, तू दूर होकर भी मेरे करीब बैठी है, जो कहते हैं मोहब्बत में दूरियां अच्छी नहीं, उनसे कह दो कि मोहब्बत में तूने पी रखी है।
नाजायज़ क्यूं सोचते हो इतना मिटने का इरादा है क्या? तुम तो मेरे हो किसी और का होने का इरादा है क्या?
इश्कबाज़ी कर रहे हो या खेल, ये एक का नहीं दो दिलों का है मेल।
ताउम्र तेरे दीदार कर रहा है ये मन, अब जब से तू मेरी है तब से ये तेरा हो गया है मन।
न समझ सी लगती है ये हरकतें तेरी, ये केवल तेरी हैं या इनमें मेरा भी कुसूर है?
तुम पे जचती है ये फ़िजा देखो, पर्दे मे निकला करो कहिं फ़िज़ा तुम पे फ़िदा न हो जाए।
ये श्रृंगार तुम्हारे लिए नहीं, तुम्हारा श्रृंगार तो प्रकृति का गहना है।
बड़ा याराना लगता है, ख्वाबों के दरिया में भी सफ़र सुहाना लगता है...
तेरे न होने का एहसास भी अजीब है, ज़ालिम शब्दों को बेवजह लिख देने से रुबाइयाँ बन जाती हैं!
नादान परिंदा नहीं कि जब मन किया पिंजरे से उड़ा दिया, मैं वो बंजारा हूँ जो तुझमे हि खोकर तुझमे हि मिलता हूँ।
तुम सितारा रख लेना मैं रात, तुम मुझे रख लेना मैं तुम्हारी बात।
रिश्ता बनेगा तो तुम्हें बताके बनेगा, तुम थी और रहोगी ये सच है, ये सच रिश्ते कि नीव बनेगी।
प्रथम प्यार के प्रथम चुंबन कि तरह हो तुम, डर भी होता है और छोड़ने का मन भी नहीं होता।
तुम मेरी मुस्कान बनना, आंख के आंसू तो दुनिया बनी है।
ये अकेलापन कब तक मुझे सताएगा, तुझ बिन ये मुझे कब तक रुलायेगा।
प्रेम कि परिभाषा में तू कब समायी ये पता नहीं चला, बस पता ये चला कि परिभाषा में मुक्तक तू ही थी।
चाँद की तरह है तू, आधी किसी की और आधी किसी और की।
ये मोहब्बत है जनाब यहाँ वक्त भी ठहर जाता है।
कल याद आ रही थी तुम मुझे, फ़िर देखा रात में सिरहाने बैठ थपकी दे रही थी मुझे।
मौन रहता हूँ अक्सर मैं तेरे खातिर दुनिया को भूल जाता हूँ मैं, तेरे हि खातिर पागल और तेरे हि खातिर अवारा बन जाता हूँ मैं।
पी रहा था इक शाम मैं मयखाने में, फिर रात हो गयी और मयख़ाना बेवफ़ा हो गया।
दगा मत देना मुझे, तुझे दर्जा बड़ा दिया है, मैने जगह तुझे ज़हन में नहीं दिल में दिया है।
समंदर किनारे लहरे गोते खा रही हैं, धीरे धीरे तू मेरे दिल में समा रही है।
तू तो लहरों सी हो गई है, और मैं किनारों सा, मैं तुझमे बार बार डूबता हूँ तू मुझमे बार बार मिलती है।
तेरा सबक ज़हन में ज़िन्दा रखूंगा, किसी और का होने से पहले सौ बार सोचूंगा।
के अब मिलने नहीं आती मुझसे तन्हाई तेरी, अब वो भी बेवफ़ा हो चली क्या?
मसीहा था मैं तेरे दिल का के शिकार हो गया हूँ, अब मैं अपना ही था हुआ था तेरा जब।
नादान थी मेरी हरकतें सब कुछ आज़मा लेती थी, अब होशियार हो गयी हैं, पाँव रखने से पहले सोचने लगी हैं अब।
ये शमा मुझे बेताब करने लगी है, तू हर रोज़ मुझे नई लगने लगी है।
ज़िन्दा हूँ और ज़िन्दगी को जी रहा हूँ मैं, एक तेरी कमी खल रही है मुझे।
के लगता है अब सावन का मौसम आ गया, आज वो हरा रंग पहन के निकली थी।
कि अब के सावन तू फिर आएगी ना, अपने रंग में फ़िर से मुझे नहलाएगी ना।
हर घटा तेरा ख्वाब मुझे पुकार रहा, एक तेरा बनके मुझे तेरे रंग में मिला रहा।
जाने कौन सी कहानी का ख्वाब गढ़ रहा है वो, धीमे धीमे अपने रंग में मुझको रंग रहा है वो।
वो रंगरेज बन रहा है अब, मेरा होके मुझे अपना कह रहा है वो।
आजा मेरा गहना बन जा, हाथ में फूलों को ले तुझे माले में पिरो लूं मैं।
जो गीत मुझे याद न आए उसे भुला दूं मैं, तुझे होंठों पे रख सरगम सा रट लूं मैं।
तू मेरे घुंघरू कि छनकार है, मेरे गीत कि झनकार है, सारी दुनिया झूठी है, एक तू हि सच्चा प्यार है।
जब से आया है होश तुझको हि देखता फ़िरता हूँ मैं, कोयल है या काक है तू, सच है या कोई राज़ है तू?
जब से मिले हो तुम मैं खो सा गया हूँ, अब तक अपना था अब तेरा हो गया हूँ मैं।
क्यों मेरे दिल में शोर है तू, नहीं है इसका गम है या खुशी।
कई दिन हो गए तुझसे मिलने अब रहा नहीं जाता, सच कहुँ तो तेरे बिना अब जिया नहीं जाता।
चलो अब बहुत हुई इधर उधर की बातें, अब थोड़ा इश्क-ए-इज़हार करने दो।
बहुत दिन हो गए बिछड़े, मेरे निशान तो खो चुकी होगी, अब तक तो मुझे भी भूल चुकी होगी।
ऐसा क्या था मुझमे जो मुझे वो नादाँ समझ बैठी, मैं खामोश था या ज्यादा बोल गया, बिन कुछ बताये वो मुझे अन्जान समझ बैठी।
कहती थी सच है जो मैं तुम्हे बता रही, फिर भी मुझे बिन बात की सज़ा दी।
मेरे पीछे की कहानी कुछ और थी, वो मेरे मुँह पे कुछ और मेरे पीठ पीछे कुछ और थी।
वो बीच बाज़ार प्यार का सौदा करती रही और मैं उसके इशारों पे बिकता रहा।
तेरी एक आवाज़ से इश्क हुआ था मुझे, दुनिया की तरह सूरत पे मरना नहीं आया मुझे।
मेरे चुनाव से लोग जलने लगे हैं क्योंकि अब मेरे साथ में तू चलने लगी है।
मुझे तेरा सताना Cute सा लगता है, बस तेरा एक मनाना और चाहिये मुझे।
मेरे प्यार कि निशानी तू है ये मैं सबको बताता हूँ, क्यों कि मैने सबसे कहा है के इसके बाद किसी से मोहब्बत नहीं होगी।
कितने अकेले हैं इस महफ़िल में, तेरे बिना यहाँ बहुत लोग हैं पर मैं अकेले खड़ा हूँ।
तुझसे जब पूछेगा कोई कि तुम्हे किसी से मोहब्बत हुआ था, तो मुझे यकीन है कि नाम मेरा हि आएगा जुबान पर।
दिल से इतना प्यार किया है तुझे, तुझसे गर नाराज़ हो जाऊं तो छोड़ के मत जाना, मुझे समझ जाना।
तेरे होंठों को चूमकर तुझे मैं प्यार दूं, तू कहे तो तुझे गले लगा के तुझ पर दुनिया कि खुशी लुटा दूं।
तुझसे मिलन की ज़िद भी जबरदस्त है, मौत सामने है और ज़िद बुलंद।
मैं तेरा दीवाना और तू मेरी दीवानी, ये सफ़र है कितना सुहाना।
मोहब्बत में नफ़रत नहीं होती और नफ़रत मे मोहब्बत नहीं होती!
इश्क है कोई मजाक थोड़ी जो यून्ही कर लू।
ये लोग हमारी मोहब्बत पे दरार डालने वाले लोग हैं इन्हे हमारी आशिकी पसंद नहीं।
हर जगह तेरा जिक्र छोड़ जाता हूँ आशिक हूँ तेरा तुझ पे अपना कर्ज छोड़ जाता हूँ।
तुझ संग आशिकी का सफ़र भी अलग है भीड़
प्रेमी हो और सच्चे भी, तो प्रेम मुकम्मल क्यों नहीं हुआ।
प्रेम की भाषा तो जानते हो, तो फिर उसे समझते क्यों नहीं।
दुखी मन रो रहा है तुझे सोच कर, के तू भी कभी सोचती है या नहीं?
ज़हन में कैद रखा है, दिल में सिर्फ़ एक तेरा नाम रखा है।
सवाल करते हो तो जवाब भी सुनो, ये प्यार है यहाँ बाज़ी दोनों मारते हैं कोई एक नहीं।
मुझे मालूम नहीं तेरे हिस्से का प्यार, अपना तो मैंने भरपूर निभाया।
तेरे प्यार की खुशबू भी अजीब है, तुझ में रहकर मुझसे तेरी बातें करती है।
जीने का एक नया ज़रिया मिला, जब से तेरा है हाँथ थामा।
जीने का असली मज़ा उस शख्स के साथ ही आता है जिसे आप जी भर के चाहते हो।
आधी अधूरी सी हो गई है ख्वाहिश मेरी, थोड़ी तेरी थोड़ी हो गई है मेरी।
तन बदन पे तेरे नाम का टैटू बनवा लूं, तू कहे तो तेरे लिए जान भी दे दूं।
तू जो जीने मरने कि बातें करता है, ये मेरे हिस्से नहीं आती, ये सब तेरे हिस्से की बातें हैं।
लगता है ये दिल तुझ बिन अब नहीं मेरा, तेरे हर एक चाहत को अपना बना रखा है मैने।
सब कुछ तेरे हवाले कर जाऊंगा बस एक बार तू हाँ तो बोल।
तुझसे मिलने मैं अक्सर रातों को सूनी सड़को पर चलता था, क्या पता था कि एक दिन सड़क पे आ जाऊंगा।
काश कहिं कोई सितारा होता जो तेरे नाम को लिखकर चमकता और उसमे मैं डूब कर तुझको चाहता।
ना ही कोई चाहत ना ही कोई तमन्ना, तेरे सिवा लगता है मुझे अब तो बस तेरी बाहों मे आने का दिल करता है।
अक्सर तेरी यादें छिड़ जाती हैं तुझसे बरसो बिछड़ने के बाद भी।
कोई एक भी निशानी नहीं रही तेरे बिना, अब तो लग रहा मैं ही अधूरा हूँ तेरे बिना।
आज कल तुझसे दूर सा हो गया हूँ मैं, अब तुझमे अधूरा सा हो गया हूँ मैं।
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